Vol. 31 No. 01 (2010): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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हस्तशिल्पों की धरोहर

Published 2010-07-31

Keywords

  • भारतीय सांस्कृतिक धरोहर,
  • हस्तशिल्प

How to Cite

एनसीईआरटी. (2010). हस्तशिल्पों की धरोहर. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 31(01), 25-40. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/193

Abstract

हस्तशिल्प भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं, जो न केवल देश की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं, बल्कि प्राचीन परंपराओं, कलात्मक कौशल और ऐतिहासिक संदर्भों का भी परिचायक होते हैं। इस शोध का उद्देश्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद हस्तशिल्पों की धरोहर का विश्लेषण करना है, और यह समझना है कि इन शिल्पों ने भारतीय समाज में अपनी ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक भूमिका निभाई है।

इस अध्ययन में प्रमुख हस्तशिल्पों जैसे कशीदाकारी, कुम्हार कला, बुनाई, धातु शिल्प, लकड़ी का काम, और माटी के बर्तन की कला और परंपराओं का गहराई से अध्ययन किया गया है। साथ ही, यह भी देखा गया है कि इन हस्तशिल्पों के पीछे की कला तकनीक, सामाजिक संगठन, और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किस प्रकार इन शिल्पों को जीवित रखने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, शोध में यह भी चर्चा की गई है कि वैश्वीकरण और औद्योगिकीकरण के प्रभाव से हस्तशिल्प उद्योग को किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।