Published 2024-12-23
Keywords
- धार्मिक शिक्षा,
- शिक्षा और संस्कृति
How to Cite
Abstract
अंग्रेजी शासन से पहले पंजाब में शिक्षा की व्यवस्था समाज, धर्म और संस्कृति से गहरे जुड़ी हुई थी। इस समय पंजाब में शिक्षा का मुख्य स्रोत गुरुकुल, मठ, मस्जिद, और अन्य धार्मिक संस्थाएँ थीं, जो धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से शिक्षा प्रदान करती थीं। इन संस्थाओं में वेद, संस्कृत साहित्य, काव्य, धर्मशास्त्र, और सामाजिक-नैतिक शिक्षा दी जाती थी। सूफी संतों और धार्मिक गुरुओं का भी शिक्षा प्रणाली में अहम योगदान था, जिन्होंने धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ समाज सुधारक विचारों का प्रचार किया।
पंजाब में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य न केवल विद्या का प्रसार था, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में नैतिकता, धर्म और सामाजिक जिम्मेदारियों का एहसास भी कराना था। हालांकि, शिक्षा का दायरा सीमित था, और यह मुख्य रूप से उच्च वर्गों और धार्मिक समुदायों तक सीमित था। जाट, खत्री, और ब्राह्मण वर्ग के लिए शिक्षा के अवसर अधिक थे, जबकि अन्य जातियों और वर्गों को सीमित अवसर मिलते थे।