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प्रकाशित 2025-06-27
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अली म. (2025). प्रारंभिक स्तर पर नाटकों के माध्यम से भाषा-शिक्षण . प्राथमिक शिक्षक , 41(1), p.55–59. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4478
सार
बाल साहित्य में बच्चों के लिए अजीबोगरीब रोमांचक तथा प्रेरक घटनाओं का ही नहीं, अपितु उनके लिए तो पूरा संसार होता है जिसमें वे रहते हैं, संघर्ष करते हैं, बुराई का अपनी अच्छाई से मुकाबला करते हैं। इसके साथ ही कथा- कहानियों में बच्चों की आत्मिक शक्ति को शब्दों में अभिव्यक्ति मिलती है। बच्चा कहानी सुनना ही नहीं चाहता बल्कि सुनाना भी चाहता है, जैसे कि वह गीत सुनना ही नहीं चाहता बल्कि गाना भी चाहता है, खेल देखना ही नहीं चाहता बल्कि खेलना भी चाहता है। उसी प्रकार वह नाटक देखना ही नहीं चाहता बल्कि उसे नाटकीय रूप से प्रस्तुत करना भी चाहता है।