खंड 39 No. 1 (2015): प्राथमिक शिक्षक
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हम पहली के बच्चे हैं ...

उषा शर्मा
एसोसिएट प्रोफेसर, एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली

प्रकाशित 2025-06-17

सार

एक सरकारी स्कूल की कक्षा एक में मेरा पहला दिन, मेरे शैक्षिक जीवन का बेहद ‘ज्ञानवर्धक’ दिन था। अभी हाल ही में एन.सी.ई.आर.टी. के संकाय सदस्यों को तीन-तीन महीने के लिए स्कूलों में पढ़ाने के लिए कहा गया। मेरे लिए यह एक ‘लपकने’ वाला अवसर था और मुझे पूर्ण विश्वास था कि लगभग 21 वर्षों के बाद एक बार फिर स्कूल और उसमें भी कक्षा एक को पढ़ाने का अनुभव मुझे बहुत कुछ सिखाने वाला और मेरी तमाम संवेदनाओं को स्पंदित करने वाला होगा।
शिक्षा का अधिकार लागू होने के ‘असर’ मुझे उस सरकारी स्कूल की कक्षा एक में भी देखने को मिले। जब मैंने कक्षा एक में प्रवेश किया, तो सारे बच्चे ब्लैकबोर्ड से देखकर अपनी-अपनी कॉपियों में कुछ-कुछ लिख रहे थे।