Vol. 38 No. 01 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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सर्जनात्मकता एवं गेस्टलटवादी विचारधारा एक विश्लेषणाआत्मक अध्ययन

Published 2025-03-03

Keywords

  • नवाचार,
  • मानसिक विकास

How to Cite

प्रतिभा. (2025). सर्जनात्मकता एवं गेस्टलटवादी विचारधारा एक विश्लेषणाआत्मक अध्ययन . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 38(01), p. 32-40. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3414

Abstract

यह अध्ययन सर्जनात्मकता और गेस्टल्टवादी विचारधारा के बीच संबंधों और उनके समग्र मानसिक विकास पर प्रभाव का विश्लेषण करता है। सर्जनात्मकता, जिसे अक्सर नवाचार, समस्या-समाधान और विचारों की नई दिशा के रूप में परिभाषित किया जाता है, मानव मस्तिष्क की सबसे महत्वपूर्ण और जटिल क्षमताओं में से एक है। गेस्टल्टवादी विचारधारा, जो मुख्य रूप से मानसिक संरचनाओं और संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं के अध्ययन पर केंद्रित है, यह मानती है कि मानसिक अनुभव केवल उसके हिस्सों से अधिक होता है, और यह समग्रता में समझा जाता है।

इस अध्ययन में यह बताया गया है कि गेस्टल्टवादी सिद्धांत, जो संज्ञानात्मक दृष्टिकोण पर आधारित है, सर्जनात्मकता को नए तरीके से समझने में सहायक हो सकता है। गेस्टल्ट सिद्धांत के अनुसार, जब व्यक्ति एक समस्या को समग्र दृष्टिकोण से देखता है, तो यह उसके भीतर सृजनात्मक विचारों को जन्म देता है। यह दृष्टिकोण यह समझने में मदद करता है कि कैसे व्यक्ति अपने मानसिक मापदंडों और अनुभवों को एकीकृत करता है, और कैसे यह समग्र दृष्टिकोण सर्जनात्मकता को प्रेरित करता है।