Vol. 37 No. 03 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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माक्र्सवाद का अपसहार

Published 2025-03-03

Keywords

  • आर्थिक असफलता,
  • मार्क्सवादी शासन

How to Cite

शरण श. (2025). माक्र्सवाद का अपसहार . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 37(03), p. 99-106. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3380

Abstract

मार्क्सवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित एक समाजशास्त्रीय और राजनीतिक सिद्धांत है, जिसका उद्देश्य समाज के वर्ग संघर्ष, आर्थिक असमानताओं और पूंजीवाद के विरोध में समाजवादी व्यवस्था की स्थापना करना था। मार्क्सवाद ने श्रमिक वर्ग को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया और उन्हें पूंजीपतियों के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में विभिन्न देशों में मार्क्सवादी विचारधारा का वास्तविक प्रयोग कई तरह से असफल साबित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप इसे अपसहार (Decline) का सामना करना पड़ा है।

मार्क्सवाद के अपसहार के प्रमुख कारणों में राजनीतिक असफलताएँ, आर्थिक संकट, और मार्क्सवादी शासन व्यवस्थाओं में प्रशासनिक और दमनकारी नीतियाँ शामिल हैं। सोवियत संघ, चीन, और अन्य मार्क्सवादी देशों में लागू की गई योजनाएँ अधिकांशतः विपरीत परिणामों को जन्म देती हैं, जैसे कि बेरोज़गारी, कुपोषण, और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन। इसके अलावा, वैश्वीकरण और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के विकास ने मार्क्सवादी सिद्धांतों को चुनौती दी है, जिससे यह विचारधारा धीरे-धीरे अप्रचलित और अप्रभावी प्रतीत होने लगी है।