Vol. 36 No. 03 (2016): भारतीय आधुनिक शिक्षा
EDITORIAL NOTE

कठघरे में है शिक्षक ?

Published 2025-01-03

Keywords

  • शिक्षक की भूमिका,
  • संसाधनों की कमी

How to Cite

शर्मा उ. (2025). कठघरे में है शिक्षक ?. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 36(03), p. 54-60. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3012

Abstract

वर्तमान शैक्षिक परिप्रेक्ष्य में, शिक्षक की भूमिका और कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। यह लेख इस प्रश्न को उठाता है कि क्या शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों में सही ढंग से कार्य कर रहे हैं, और क्या उन्हें समाज और शिक्षा प्रणाली द्वारा उचित सम्मान और संसाधन मिल रहे हैं।

आज के दौर में, जब शिक्षा में बदलाव और सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है, तो शिक्षक की भूमिका एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में आ गई है। शिक्षक के काम का बोझ, संसाधनों की कमी, प्रेरणा की कमी, और प्रशासनिक दबाव जैसी समस्याएं उन्हें प्रभावी तरीके से काम करने से रोक रही हैं। इसके साथ ही, शिक्षकों का सामाजिक और आर्थिक सम्मान भी सवालों के घेरे में है, जिसके कारण वे सही तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहे हैं।

इस लेख में यह भी चर्चा की जाती है कि शिक्षक के अधिकार और उनका समर्थन किस हद तक सुनिश्चित किया जा रहा है। क्या उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण, संसाधन और प्रेरणा मिल रही है, ताकि वे छात्रों को एक सशक्त और गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर सकें। इसके अलावा, शिक्षकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी चर्चा की जाती है, जो उनके काम में कमी और निराशा की वजह बन सकती है।