Vol. 36 No. 03 (2016): भारतीय आधुनिक शिक्षा
Articles

वर्तमान शैक्षिक परिपेक्ष्य में प्रतिनिधि दैव्य की प्रासंगिकता

Published 2025-01-03

Keywords

  • प्रतिनिधि दैव्य,
  • शैक्षिक परिप्रेक्ष्य

How to Cite

सिंह आ. (2025). वर्तमान शैक्षिक परिपेक्ष्य में प्रतिनिधि दैव्य की प्रासंगिकता. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 36(03), p. 41-53. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3011

Abstract

वर्तमान शैक्षिक परिप्रेक्ष्य में प्रतिनिधि दैव्य (Representative Divinity) का महत्व शिक्षा के व्यापक दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है। यह अवधारणा शिक्षा को सिर्फ ज्ञान प्रदान करने के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति, और व्यक्ति के मानसिक और नैतिक विकास के रूप में भी देखने की आवश्यकता को दर्शाती है।

आज के शैक्षिक ढांचे में, दैवीय मूल्य और आध्यात्मिकता को जोड़ते हुए शिक्षा को अधिक सशक्त और उद्देश्यपूर्ण बनाना एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। समाज में तेजी से हो रहे बदलावों, तकनीकी विकास और वैश्विक चुनौतियों के कारण शिक्षा का उद्देश्य केवल करियर निर्माण नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी, नैतिक विकास, और मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूकता भी होना चाहिए।

प्रतिनिधि दैव्य के सिद्धांत के अनुसार, शिक्षा में आध्यात्मिक तत्व और उच्च नैतिक आदर्शों का समावेश किया जाता है, जिससे छात्रों को मानवता, समानता, और समाजसेवा के प्रति जागरूक किया जा सके। यह छात्रों को न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि समाज में भी एक अच्छे नागरिक के रूप में भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है।