Vol. 34 No. 02 (2013): भारतीय आधुनिक शिक्षा
EDITORIAL NOTE

सायनेटिकस प्रतिमान के द्वारा सर्जनात्मकता का विकास

Published 2024-12-23

Keywords

  • समस्या हल करना,
  • पारंपरिक सोच

How to Cite

सीमा शर्मा. (2024). सायनेटिकस प्रतिमान के द्वारा सर्जनात्मकता का विकास . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 34(02), p. 50-54. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/1721

Abstract

सायनेटिकस प्रतिमान एक रचनात्मक सोच और समस्या समाधान की प्रक्रिया है, जो नए और असामान्य दृष्टिकोणों को अपनाने के माध्यम से सर्जनात्मकता को बढ़ावा देती है। इस मॉडल का उद्देश्य पारंपरिक सोच से बाहर निकलकर, विचारों को जोड़ने और उन्हें नए तरीके से देखने की क्षमता को प्रोत्साहित करना है। सायनेतिकस प्रतिमान का प्रयोग विशेष रूप से शैक्षिक और पेशेवर संदर्भ में सर्जनात्मक सोच के विकास में किया जाता है, जहाँ इसे छात्रों और कर्मचारियों की रचनात्मकता को उजागर करने और उन्हें नई समस्याओं के समाधान में सक्षम बनाने के लिए अपनाया जाता है।