Vol. 1 No. 2 (2020)
ARTICLES

सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की प्रभावशीलता का अध्ययन

शरद कुमार शर्मा
शिक्षा संकाय बरकतउल्ला वि. वि. भोपाल
असरारुल गनी
एन.ई.एस. शिक्षा महाविद्यालय, होशंगाबाद

Published 2025-03-12

Keywords

  • सतत मूल्यांकन,
  • शिक्षण विकास,
  • विश्लेषण,
  • शैक्षिक प्रक्रिया,
  • उपलब्धि।

How to Cite

शर्मा श. क., & गनी अ. (2025). सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की प्रभावशीलता का अध्ययन. Educational Trend (A Journal of RIE, Ajmer - NCERT), 1(2), 132-137. http://14.139.250.109:8090/index.php/ET/article/view/3814

Abstract

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बालक का सर्वागीण विकास करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एन.सी.एफ 2005 ने सतत एवं व्यापक मूल्यांकन को शाला स्तर पर लागू करने की सिफारिश की। म.प्र. में भी निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, 01 अप्रैल 2010 से लागू किया गया, जिसके अनुसार माध्यमिक स्तर कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों का सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन किया जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस शोध कार्य को किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का विद्यार्थियों की अकादमिक उपलब्धि, सहशैक्षिक क्षेत्र पर प्रभाव और व्यक्तिगत सामाजिक गुणों पर प्रभाव का अध्ययन करना है। इसी के अनुसार शोध कार्य की परिकल्पनाओ का निर्माण किया गया है। न्यादर्श के रूप होशंगाबाद जिले म.प्र. के 60 विद्यार्थियों का चयन यादृच्छिक रूप से किया गया है। शोध प्रदत्त संकलन हेतु विद्यार्थियों को सत्रान्त में प्राप्त अंक सूची का उपयोग किया गया है। विभिन्न समूहों के बीच सार्थक अंतर की जांच हेतू “काई वर्ग परीक्षण” का प्रयोग किया है। इस शोध के निष्कर्ष में यह पाया गया कि सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का विद्यार्थियों की अकादमिक उपलब्धि, सहशैक्षिक क्षेत्र में विकास एवं व्यक्तिगत समाजिक गुणो में विकास पर सार्थक प्रभाव पड़ता है।