Published 2025-03-12
Keywords
- छायावाद,
- दर्शन,
- सौन्दर्यानुभूति,
- मानवतावाद,
- बिम्ब
- लक्षणा ...More
How to Cite
निवास र. (2025). युग प्रवर्तक कवि जयशंकर प्रसाद. Educational Trend (A Journal of RIE, Ajmer - NCERT), 1(2), 43-51. http://14.139.250.109:8090/index.php/ET/article/view/3813
Abstract
जयशंकर प्रसाद छायावाद के मुख्य कवि हैं। उनके काव्य में जीवन - दर्शन है। जीवन के दर्शन को उन्होंने व्यापक फलक प्रदान किया है। मानवीय अनुभूतियों को व्यक्त करने में उन्होंने प्रकृति एवं दर्शन को नवीन आयाम दिया है। छायावादी कवियों में सौंदर्यानुभूति का प्रखर वेग तो है परन्तु इसके साथ ही दार्शनिकता को काव्य के फलक पर विस्तार भी दिया गया है। जयशंकर प्रसाद सच्चे अर्थों में युग प्रवर्तक कवि हैं। उनके युग सापेक्ष रूप को इस शोध पत्र में प्रस्तुत किया गया हैं।