Published 2025-02-26
Keywords
- स्वतंत्रता,
- कटाक्ष,
- व्यंग्य,
- साठोत्तरी काव्य।
How to Cite
शर्मा म. (2025). धूमिल के काव्य में यथार्थ एवं व्यंग्य . Educational Trend (A Journal of RIE, Ajmer - NCERT), 1(1), 58-61. http://14.139.250.109:8090/index.php/ET/article/view/3548
Abstract
प्रस्तुत पत्र साठोत्तरी कवि धूमिल की कविताओं की विवेचना है। उनकी कविताएँ स्वतंत्रता के पश्चात् बनी सामाजिक परिस्थितियों पर कटाक्ष थीं, जिसमें धूमिल ने व्यंगात्मक दृष्टिकोण से परिस्थितियों का आंकलन प्रस्तुत किया था।