Abstract
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 बच्चों के स्कूली जीवन को बाहर के जीवन से जोड़ने का समर्थन करती है। पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies) के विषय में तो यह पूरी तरह से सही है क्योंकि पर्यावरण अध्ययन का ध्येय, मात्र ज्ञान का अर्जन या पर्यावरण के प्रति सचेतता ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े सामाजिक; प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक मुद्दों पर एक संपूर्ण रूप में समझ बनाते हुए आवश्यक कौशलों के विकास द्वारा पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान करना भी है।