खंड 37 No. 4 (2013): प्राथमिक शिक्षक
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बाल यौन शोषण: मिथक एवं वास्तविकता

पुनीत गुप्ता
असिस्टेंट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय

प्रकाशित 2024-12-23

सार

यह लेख बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के तथ्यों में संबंध में है। दिए गए सरकारी तथा गैर सरकारी आंकड़े समस्या की गंभीरता को उजागर करते हैं। विद्यालय, घर की, जिम्मेदारी कहकर इसे टाला नहीं जा सकता वरन् दोनों की भागीदारी से बच्चों को सशक्त किया जा सकता है। इस विषय पर शिक्षक गण एवं अभिभावकों को संवेदनशीलता से सोचना होगा और बच्चों की जीवन में गुणवत्ता, उनकी स्वतंत्रता तथा अस्मिता से खिलवाड़ को रोकना होगा। लेखपाल शोषण एक में तक एक वास्तविकता यौन शोषण को पहचानने के साथ विद्यालय किस प्रकार सशक्तिकरण कार्यक्रम अपना सकता है, इस पर भी सुझाव देता है।