सार
कई शिक्षक साथियों का यह अनुभव है कि कक्षा में गतिविधियों के दौरान लड़के बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, वही लड़कियां चुप्पी साधे रहती हैं। इसका एक प्रमुख कारण घर परिवार में भी उन्हें खुलकर बोलने, हंसने, खेलने की आजादी ना मिलना है। लड़कियों को किसी भी कार्य को करने, गतिविधि में भाग लेने के समान अवसर दिए जाएं, तो वह भी सक्रिय होकर कक्षा की हर गतिविधि में उत्साह से भाग लेंगी। कुछ ऐसे ही बच्चों का उजागर कर रहा है यह लेख।