Published 2025-06-27
Keywords
- पूर्व प्राथमिक शिक्षा
How to Cite
Abstract
यदि हम पूर्व प्राथमिक शिक्षा के वर्तमान ढांचे को देखें तो पता चलता है कि एक ओर व्यक्तिगत प्रबंधन तंत्र द्वारा व्यावसायिक स्तर पर शहरी क्षेत्रों में चलाए जा रहे नर्सरी स्कूलों की भरमार हो गई है, और दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहर की झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए व्यवस्थित और संगठित प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था का पूर्ण अभाव है। नर्सरी स्कूलों में से अधिकांश केवल प्राथमिक स्कूलों का लघु रूप बनकर रह गए हैं, जहाँ छोटे बच्चों को औपचारिक रूप से पढ़ने-लिखने तथा गणित की शिक्षा दी जाती है। इस तरह बच्चों पर अनावश्यक बोझ और दबाव पड़ता है। इसके अलावा, कुछ नर्सरी स्कूल बच्चों को ऐसी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं जो बच्चों को उनके परिवेश एवं पृष्ठभूमि से जोड़ने में असमर्थ होती है।