Vol. 41 No. 1 (2017): प्राथमिक शिक्षक
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कक्षा में बोलकर पढ़ने से समझने तक

सावन कुमारी
शोधार्थी, शिक्षा विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय

Published 2025-06-27

Keywords

  • पठन कार्य,
  • पढ़ने का मतलब,
  • शिक्षक-छात्रों के विचार

How to Cite

कुमारी स. (2025). कक्षा में बोलकर पढ़ने से समझने तक. प्राथमिक शिक्षक, 41(1), p.25–27. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4474

Abstract

सर्वप्रथम, लेख के शीर्षक की सीमाएँ और विस्तार उल्लेखनीय हैं। पठन कार्य तो हर विषय की कक्षाओं में सामान्यतः होता ही है, पर इस लेख की सीमा भाषा की कक्षाओं तक है। इस लेख में ‘पढ़ना’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसका अर्थ ‘Reading’ से है। इसका उद्देश्य ‘बोलकर पढ़ने’ की प्रक्रिया को समझना है। मेरे द्वारा सरकारी विद्यालयों में किए गए अनुभवों, कुछ शिक्षक और छात्रों के साथ बातचीत के आधार पर यह लेख लिखा गया है। इस लेख की रूपरेखा कुछ इस प्रकार है: सबसे पहले, ‘पढ़ने का मतलब समझना है’ इस बारे में संक्षेप में चर्चा करेंगे। फिर, छात्रों द्वारा कक्षा में बोलकर पढ़ने की प्रक्रिया एवं शिक्षक-छात्रों के विचार और भूमिका का अवलोकन किया जाएगा। अंत में कुछ बातों पर विचार करते हुए हम निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।