Vol. 41 No. 2 (2017): प्राथमिक शिक्षक
Articles

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पाठ्य-सहगामी क्रियाएँ एक अन्वेषणात्मक अध्ययन

संजीव कुमार भारद्वाज
सहायक आचार्य
विश्वास
सहायक आचार्य, विस्तार शिक्षा विभाग, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, अजमेर

Published 2025-06-27

Keywords

  • पाठ्य-सहगामी क्रियाएँ,
  • सर्वांगीण विकास,
  • रचनावादी शिक्षाशास्त्री

How to Cite

भारद्वाज स. क., & विश्वास. (2025). पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पाठ्य-सहगामी क्रियाएँ एक अन्वेषणात्मक अध्ययन. प्राथमिक शिक्षक, 41(2), p.40–46. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4456

Abstract

शिक्षा का उद्देश्य बालक का सर्वांगीण विकास करना है—इस उद्देश्य को केवल कक्षायी पठन-पाठन से पूर्ण नहीं किया जा सकता। पाठ्य-सहगामी गतिविधियाँ ही वस्तुतः शिक्षा के इस उद्देश्य को पूर्ण करने का माध्यम बनती हैं। विद्यार्थियों के लिए जितनी महत्वपूर्ण कक्षायी गतिविधियाँ हैं, उतनी ही कक्षा के बाहर की गतिविधियाँ भी हैं। रचनावादी शिक्षाशास्त्री विद्यालय में की जाने वाली गतिविधियों में पाठ्य-सहगामी क्रियाओं को भी समान रूप से महत्त्व देते हैं। प्राथमिक स्तर पर विद्यालयों में कराई जाने वाली पाठ्य-सहगामी क्रियाओं की वास्तविक स्थिति की पड़ताल करने के उद्देश्य से प्रस्तुत लेख की रूपरेखा तैयार की गई है। प्रतिदर्श के रूप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार जनपदों के सोलह (प्रत्येक जनपद से चार-चार) प्राथमिक विद्यालयों को चयनित किया गया। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी वार्षिक कैलेंडर में दी गई पाठ्य-सहगामी क्रियाओं को विश्लेषण का आधार बनाया गया है। आँकड़ों के विश्लेषण से इन प्राथमिक विद्यालयों में कराई जाने वाली पाठ्य-सहगामी क्रियाओं के बारे में कई तथ्य स्पष्ट हुए हैं, जिनकी चर्चा इस लेख में की गई है।