Vol. 41 No. 2 (2017): प्राथमिक शिक्षक
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प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना आवश्यकता एवं प्रभाव

अग्निवेश गुप्ता
विभागाध्यक्ष (शिक्षा विभाग), एच.आई.एम.टी., ग्रेटर नोएडा

Published 2025-06-27

Keywords

  • मध्याह्न भोजन योजना,
  • खाद्य सुरक्षा

How to Cite

गुप्ता अ. (2025). प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना आवश्यकता एवं प्रभाव. प्राथमिक शिक्षक, 41(2), p.33–39. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4455

Abstract

प्रस्तुत आलेख में, देशभर के विभिन्न सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में चल रही मध्याह्न भोजन योजना का प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों पर पड़ रहे प्रभाव को जानने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद गौतमबुद्ध नगर के प्राथमिक सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों का अवलोकन किया गया। इस आलेख के माध्यम से अवलोकनकर्ता ने उक्त जनपद में संचालित मध्याह्न भोजन योजना की वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास किया है। केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में अधिकार आधारित नीति अपनाई है, जिसके आधार पर कक्षा 8 तक पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत एक कानून बनाकर यह कहा गया है कि देश में स्कूल जाने वाले हर बालक का यह अधिकार है कि उसे विद्यालय की तरफ से निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाए। इस अधिकार को आहार सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार के व्यापक परिप्रेक्ष्य से जोड़ा गया है। वर्तमान समय में, मध्याह्न भोजन योजना अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक बहुल जिलों के सरकारी, स्थानीय निकाय एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों के बीच काफ़ी लोकप्रिय होने के साथ-साथ प्रभावी भी है। आज देश में प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की लगभग 85 प्रतिशत संख्या को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ मिल रहा है। जिसका उद्देश्य है— बिना किसी भेदभाव व पूर्वाग्रह के, प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले प्रत्येक बालक एवं बालिका को निःशुल्क पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराना।