Vol. 41 No. 3 (2017): प्राथमिक शिक्षक
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प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों की कला के प्रति अभिरुचि का अध्ययन

पतंजलि मिश्र
सहायक आचार्य, शिक्षा विद्यापीठ, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा
भूपेन्द्र सिंह
शोध छात्र, शिक्षा विद्यापीठ, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा

Published 2025-06-26

Keywords

  • प्रारंभिक स्तर,
  • चित्र अभिव्यक्ति,
  • दसवर्षीय स्कूल के लिए पाठ्यक्रम

How to Cite

मिश्र प., & सिंह भ. (2025). प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों की कला के प्रति अभिरुचि का अध्ययन. प्राथमिक शिक्षक, 41(3), p.38–48. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4442

Abstract

प्रारंभिक स्तर के बच्चे किसी भी लिखित कार्य की परिणति (Perfection) के लिए चित्र का सहारा लेने की प्रवृत्ति रखते हैं। वे अक्षरों की बजाय चित्रों को अभिव्यक्ति का सरल माध्यम समझते हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा सन 1975 में प्रकाशित दस्तावेज़ “दसवर्षीय स्कूल के लिए पाठ्यक्रम — एक रूपरेखा” में सृजनात्मक क्रियाओं द्वारा बच्चों में अभिव्यक्ति की योग्यता का विकास करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा – 2005 (NCF—2005) में माध्यमिक स्तर तक अनिवार्य रूप से बालक 'सीखें और करें' की अनुशंसा की गई है। जयदेव आर्य (1968) भी मानते हैं कि कला बालक के चरित्र एवं व्यक्तित्व निर्माण में सहायक है। प्रस्तुत शोध पत्र प्राथमिक स्तर के बालकों की कला के प्रति अभिरुचि का एक अध्ययन है।