Published 2025-06-26
Keywords
- शैक्षिक चिंतन,
- शिक्षा सिद्धांतों,
- शिक्षार्थी व्यक्तित्व
How to Cite
Abstract
पं. मदन मोहन मालवीय महान देशभक्त, दार्शनिक, शिक्षाविद, प्रभावशाली समाज सुधारक, जुझारू पत्रकार, विदग्ध विधिवेत्ता, प्रखर सांसद, राजभाषा हिंदी के प्रबल समर्थक तथा मोहक जन-नेतृत्व आदि गुणों से संपन्न देश के अग्रणी नेताओं में रहे हैं। मदन मोहन मालवीय आधुनिक विश्व में एक महान शिक्षा शास्त्री के रूप में स्थापित हैं क्योंकि उन्होंने तत्कालीन समाज की वस्तुस्थिति पर विस्तारपूर्वक विचार किया, आवश्यकताओं को पहचाना, शिक्षा सिद्धांतों का पुनः विश्लेषण किया और उन्हें सामयिक संदर्भ में नवीन रूप प्रदान किया। अतः मानव प्रकृति की मूल संकल्पना को पहचानकर उसे व्यावहारिक रूप दिया। उनके कार्य ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ के रूप में प्रकट हुए। यहाँ के परिवेश में कक्षा-कक्ष परिस्थितियों, शिक्षक-शिक्षार्थी व्यक्तित्वों में, भिन्न-भिन्न विषयों के द्वारा समाज में उनके मौलिक विचार प्रकट हुए और आज भी प्रवाहमान हैं, अतः निःसंकोच कहा जा सकता है कि मदन मोहन मालवीय एक महान शिक्षाशास्त्री थे।