Vol. 41 No. 4 (2017): प्राथमिक शिक्षक
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विद्यार्थी जीवन की यादें

सुधा रानी तैलंग
सेवानिवृत्त शिक्षक, संस्कृत, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग

Published 2025-06-26

Keywords

  • बचपन की यादें,
  • अध्यापन कार्य

How to Cite

तैलंग स. र. (2025). विद्यार्थी जीवन की यादें. प्राथमिक शिक्षक, 41(4), p.43-46. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4426

Abstract

बचपन की यादें कितनी यादगार होती हैं कि हम चाहकर भी उन्हें भूल नहीं पाते। स्कूल के दिन लौट आएं, ऐसी तमन्ना हम सभी की होती है। पर ये तो संभव नहीं। लेकिन ये बात ज़रूर है कि उन बीते दिनों की यादों को फिर से ताज़ा किया जा सकता है। अभी हाल ही में सन 1982 से लेकर 2017 तक 35 सालों के अध्यापन कार्य की लंबी यात्रा मैंने पूरी की है, पर आज भी मेरे मन के अंदर अपने बचपन के प्रथम स्कूल और मेरे सहपाठियों, गुरुजनों की यादें हिलोरें ले रही हैं। साठ के दशक के बचपन की यादों को मैं प्राथमिक शिक्षक के मंच पर साझा करना चाहती हूँ।