Published 2025-06-26
Keywords
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम,
- नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा
How to Cite
Abstract
शिक्षा वह प्रक्रिया है जिससे समाज में ज्ञान, क्षमताएँ, कुशलताएँ एवं मूल्यों का संचार होता है। शिक्षा किसी भी राष्ट्र की प्रगति का साधन है तथा प्राथमिक शिक्षा इसकी आधारशिला है। आज प्रारंभिक शिक्षा के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए सभी राष्ट्रों में प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत में स्वतंत्रता से पूर्व ही शिक्षा को नि:शुल्क एवं अनिवार्य बनाने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किए गए। स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय संविधान द्वारा नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा हेतु व्यवस्था की गई। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 द्वारा भारत में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया तथा क्रमिक रूप से अनेक प्रयासों के बाद शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अस्तित्व में आया, जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ। इसी के साथ भारत ऐसे देशों में सम्मिलित हो गया है जिनमें शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के 8 वर्षों के बाद देखें तो प्राथमिक शिक्षा के नामांकन में उल्लेखनीय कार्य हुआ है, किंतु शिक्षा का अधिकार अधिनियम के यथार्थ रूप में अनुपालन हेतु कुछ व्यावहारिक कठिनाइयाँ भी सामने आ रही हैं। इस लेख में ऐसी ही कुछ समस्याओं और उनके संभावित समाधानों पर प्रकाश डाला गया है।