Vol. 41 No. 4 (2017): प्राथमिक शिक्षक
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तुलसीदास कृत रामचरितमानस में वर्णित व्याख्यान विधि सुरुचिपूर्ण छात्र-अधिगम के लिए रामबाण

रत्ना गुप्ता
एसोसिएट प्रोफेसर, पोस्ट ग्रेजुएट विभाग, शिक्षक शिक्षा एवं अनुसंधान, एस.एस. कॉलेज, शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश

Published 2025-06-26

Keywords

  • व्याख्यान विधि,
  • छात्र-अधिगम,
  • महाकवि तुलसीदास

How to Cite

गुप्ता र. (2025). तुलसीदास कृत रामचरितमानस में वर्णित व्याख्यान विधि सुरुचिपूर्ण छात्र-अधिगम के लिए रामबाण. प्राथमिक शिक्षक, 41(4), p.11-16. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4422

Abstract

हिन्दी साहित्य के महाकवि तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस अवधी भाषा की एक अद्वितीय रचना है। यह ग्रंथ अपने अंदर विभिन्न नैतिक मूल्यों एवं शैक्षिक प्रत्ययों को संजोए हुए है। महाकवि तुलसीदास ने सर्वसाधारण तक अपनी बात को संप्रेषित करने के लिए प्रमुख रूप से व्याख्यान विधि को आधार बनाया है और इस व्याख्यान विधि को अनेक प्रविधियों, जैसे—कथा-कथन, तर्कात्मक प्रश्नोत्तर आदि के द्वारा और भी अधिक पुष्ट किया है। आजकल व्याख्यान विधि को पुरातन कहकर नकारा जा रहा है, वही व्याख्यान विधि तुलसीदास जी के वैविध्यपूर्ण प्रयोग के कारण शिक्षकों के लिए उपयोगी रही है। आज भी यदि इस तकनीक का शिक्षक सही प्रयोग करें, तो वह बच्चों के अधिगम के लिए बहुत सहायक है।