Vol. 35 No. 3 (2011): प्राथमिक शिक्षक
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प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण: एक भावनात्मक दायित्व

अपर्णा व्यास
प्रवक्ता,गुजराती समाज बी.एड कॉलेज इंदौर

Published 2024-11-27

Keywords

  • शिक्षण,
  • प्राथमिक शिक्षा,
  • प्राथमिक शिक्षक

How to Cite

अपर्णा व्यास. (2024). प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण: एक भावनात्मक दायित्व. प्राथमिक शिक्षक, 35(3), p.20-22. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/437

Abstract

प्राचीनकाल से ही शिक्षण सर्वश्रेष्ठ तथा सम्माननीय कार्य माना जाता है। प्राथमिक शिक्षा बच्चों की बुलंद इमारत में नींव का पत्थर होती है। इतिहास साक्षी है कि कई महापुरुषों को गगनचुंबकीय हौसले बचपन में हुई घटनाओं के दौरान ही प्राप्त हुए थे। ऐसे में प्राथमिक शिक्षक को महज एक कार्य या नौकरी न समझते हुए शिक्षकों को भावनात्मक दायित्व मानकर ही अग्रसर होना चाहिए। बच्चों का संपूर्ण व्यक्तित्व प्राथमिक शिक्षक के उचित मार्गदर्शन, स्नेहपूर्ण सानिध्य और हृदयस्पर्शी दैनिक वार्तालाप पर ही विकसित होता है।