Vol. 39 No. 1 (2015): प्राथमिक शिक्षक
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आरंभिक स्तर पर उपलब्ध बाल-साहित्य एवं उसके चयन के आधार

रमेश कुमार
सहायक प्रवक्ता, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली

Published 2025-06-17

How to Cite

कुमार र. (2025). आरंभिक स्तर पर उपलब्ध बाल-साहित्य एवं उसके चयन के आधार. प्राथमिक शिक्षक, 39(1), पृष्ठ 49–52. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/4280

Abstract

बच्चा जन्म के उपरांत जैसे-जैसे बड़ा होता है, वह सुनने की क्षमता विकसित करता जाता है। प्रारंभ में वह ‘मामा’, ‘माँ’ आदि शब्दों से शुरुआत करता है और धीरे-धीरे कुछ शब्दों को सुनकर अर्थ ग्रहण करता है तथा उन पर अपनी प्रतिक्रियाएँ भी देने लगता है। ये प्रतिक्रियाएँ शाब्दिक एवं अशाब्दिक दोनों रूपों में हो सकती हैं।
धीरे-धीरे वह बड़ा होता है और शब्दों के आगे सरल वाक्यों को ग्रहण करने की क्षमता भी विकसित कर लेता है। अब आवश्यकता होती है कि वह अधिक से अधिक सरल वाक्य सुने, जिन्हें हमारे घरों में माता-पिता एवं अन्य परिजन पूरा कर सकते हैं।