आजादी के बाद, पिछले सारे शिक्षा संबंधी दस्तावेजों में मातृभाषा को समझ के माध्यम(खास तौर से प्राथमिक शिक्षा) के रूप में लागू किए जाने की बात कही गई और बच्चों की समझ में सहायक उनकी अपनी भाषा, उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति को महत्व दिया गया। नीचे विभिन्न दस्तावेजों में दिए गए भाषा संबंधी सुझावों को दिया जा रहा है -