Vol. 34 No. 1 (2010): प्राथमिक शिक्षक
Articles

कथालोक

वसीली सुखोम्लीन्सकी
शिक्षा विमर्श

Published 2024-11-27

Keywords

  • लोक कथा,
  • कहानी,
  • कथाकार

How to Cite

वसीली सुखोम्लीन्सकी. (2024). कथालोक. प्राथमिक शिक्षक, 34(1), p.37-45. http://14.139.250.109:8090/index.php/pp/article/view/325

Abstract

जिम पियाजे ने बालक के संज्ञानात्मक विकास के विभिन्न चरणों में मूर्त्त ज्ञान को अहम माना है। कथाकार बच्चों के लिए जब कहानी सृजित करता है, तो वह कहानी के हर एक पहलू को जीवंत करने का भरसक प्रयास करता है, ताकि बच्चे उस कहानी के पहलू पर अपने आप को महसूस कर सकें। उक्त आलेख कथा संसार की इसी जीवंतता पर आधारित है।