आमतौर पर किसी कक्षा में श्यामपट्ट के अलावा बस कुछ पुराने धूल धूसरित चार्ट ही देखने को मिलते हैं। लेखिका ने अपने अनुभवों के आधार पर विस्तार से दर्शाने का प्रयास किया है कि एक कक्षा के अंदर कितना कुछ संभव है अगर हम थोड़ा सा खुलकर सोच और थोड़ी सी जहमत उठाएं।