आज हर लड़की पढ़ना चाहती है, पढ़ लिख कर आगे बढ़ना चाहती है। शारीरिक चुनौतियों का सामना करती हुई कई लड़कियां विद्यालय में दाखिला लेती हैं। लेकिन कभी-कभी घर परिवार से पूरा सहयोग न मिलने पर उनका हौसला दम तोड़ने लगता है। ऐसे में शिक्षक से उन्हें सहयोग मिले तो अपनी पढ़ाई जारी रखने की उनमें फिर से हिम्मत और आत्मविश्वास आ जाता है। ऐसा ही एक अनुभव यहां दिया जा रहा है।