Vol. 32 No. 04 (2012): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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विद्यालय और समाज के लिए शिक्षक शिक्षा का मानवीयकरण

Published 2024-11-29

Keywords

  • शिक्षक प्रशिक्षण,
  • शिक्षक के गुण

How to Cite

रंजन अरोड़ा. (2024). विद्यालय और समाज के लिए शिक्षक शिक्षा का मानवीयकरण. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 32(04), p. 27-34. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/944

Abstract

यह लेख विद्यालय और समाज के लिए शिक्षक शिक्षा का मानवीयकरण  पर केंद्रित है, जिसमें शिक्षक शिक्षा के मानवीय पहलुओं और उसकी समाज में भूमिका का विश्लेषण किया गया है। लेख में यह बताया गया है कि एक शिक्षक केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करने वाला नहीं होता, बल्कि वह विद्यार्थियों के मानसिक, सामाजिक, और भावनात्मक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है।

शिक्षक शिक्षा का मानवीयकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षक को न केवल शैक्षिक विधियों और सामग्री से अवगत कराया जाता है, बल्कि उसे विद्यार्थियों की व्यक्तिगत जरूरतों, समाज के विविधता से परिचित किया जाता है। इस प्रक्रिया में शिक्षक के संवेदनशीलता, समझ और सहानुभूति के गुणों का विकास महत्वपूर्ण होता है, जिससे वह अपने विद्यार्थियों के साथ एक मजबूत, सहायक और प्रेरणादायक संबंध बना पाता है।

लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि मानवीय शिक्षा के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों में न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता, बल्कि मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, सहयोग, और सम्मान का भी विकास करते हैं, जो समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है। इस प्रकार, शिक्षक शिक्षा का मानवीयकरण विद्यालयों और समाज दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह एक सशक्त, समझदार और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नागरिकता के निर्माण में सहायक होता है।