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Published 2025-03-24
How to Cite
रंजन श. (2025). आलोचनात्मक शिक्षणशास्त्र की विद्यालयी शिक्षा में प्रासगिं कता. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 42(03), p. 61-72. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/4176
Abstract
आलोचनात्मक शिक्षणशास्त्र (Critical Pedagogy) एक शैक्षिक दृष्टिकोण है जो शिक्षा के पारंपरिक तरीकों पर प्रश्न उठाता है और छात्रों को अपनी सोच को स्वतंत्र रूप से विकसित करने के लिए प्रेरित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाना और छात्रों को केवल ज्ञान प्राप्त करने की बजाय, उन्हें अपने सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक परिवेश को समझने और उसमें सुधार लाने के लिए सक्षम बनाना है। आलोचनात्मक शिक्षणशास्त्र के प्रमुख विचारक पॉल फ्रेरे थे, जिन्होंने शिक्षा को समाज में सुधार की एक ताकत के रूप में देखा।