Published 2025-03-18
Keywords
- भारतीय स्वतं त्रता सं ग्राम,
- उपनिवेशवाद की स्थापना
How to Cite
Abstract
भारतीय स्वतं
त्रता सं
ग्राम को विद्यालयी पाठ्यपस्तु कों में एक विशेष स्थान प्राप्त है। इन पाठ्यपस्तु कों में भारतीय
राष्ट्रीय सं
घर्ष को विभिन्न दृष्टिकोणों से दर्शाया गया है और विद्यार्थियों को स्वतं
त्रता आदोलन के व ं िभिन्न चरणों
से अवगत कराने का प्रयास किया गया है। इन पाठ्यपस्तु कों में कुछ चनिु न्दा प्रसिद्ध व्यक्तियों का वर्णन किया
गया है, जिन्होंने किसी आदोलन का नेत ं तृ्व किया और जिनके बारे में ऐतिहासिक स्रोतों में जानकारी सरलता से
मिल जाती है। जबकि वे जनसाधारण, जिन्होंने स्वतं
त्रता सं
घर्ष के विभिन्न चरणों में भाग लिया, को एक समान
सं
ज्ञा —विद्यार्थियों, महिलाओ, पं रुषों अा
ु दि के रूप में दर्शाया गया है। वैसे तो स्वतं
त्रता सं
ग्राम में भाग लेने वाले
मखु्य नेताओ (पं रुष एवं
महिला) का उल्लेख है, परं
त मु हिलाओ की अपेक् ं षा इन पस्तु कों में परुष नेताओ ु ंव
आदोलनकार ं ियों का वर्णन अधिक है। अग्ं रेज़ी उपनिवेशवाद की स्थापना से स्वतं
त्रता प्राप्ति एवं
विभाजन तक की
गाथा का विवरण इन पस्
ुतकों में दिया गया है। इन पाठ्यपस्तु कों में कुछ घटनाओ/आं दोलनों का ं वर्णन व्यापक रूप
से दिया गया है, तो कुछ को सं
क्षिप्त रूप में बताया गया है। स्वतं
त्रता के लिए किए गए मखु्य आदोलनों में से एक ं था—‘भारत छोड़ो आदोलन’ ं जिसमें समाज के सभी वर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अग्ं रेज़ों को भारत
छोड़ने पर मजबर कर
ू दिया। इस लेख में भारत के विभिन्न हिदी-भाषी राज ं ्यों की पाठ्यपस्तु कों में दिए गए ‘भारत
छोड़ो आदोलन’ की व ं िषय-वस्तु का व
वस्तु िश्लेषण प्रस्तुत
प्रस्तु किया गया है।