Vol. 39 No. 02 (2018): भारतीय आधुनिक शिक्षा
Articles

खुशहाल विद्यालय एवं खुशहाल विद्यार्थी सप्रत ं ्यय एवं समाधान

Published 2025-03-17

Keywords

  • अधिक रचनात्,
  • खशहाल बच्चे

How to Cite

फ़ातमा न., & मेहता द. (2025). खुशहाल विद्यालय एवं खुशहाल विद्यार्थी सप्रत ं ्यय एवं समाधान. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 39(02), p. 7-13. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3924

Abstract

खशहाल बच्चे जल्दी स ु ीखतेहैं, अधिक रचनात्मक सोचतेहैं। वे शैक्षिक प्रक्रिया में अच्छा अकादमिक प्रदर्शन
करतेहैं। वे असफलता एवं
 कठिनाई के समय में भी सं
यम नहीं खोतेऔर साहस से परिस्थिति का सामना करते
हैं। आत्मविश्‍वास, आकर्षण, सकारात्मकता, मित्रता, ज़िं
दादिली, लचीलापन, तनाव सेनिपटनेकी क्षमता आदि
खशहाल
ु व्यक्‍ति‍यों के चारित्रिक गण हैं। बच्चे अपन ु ेजीवन का अधिकां
श समय विद्यालय में व्यतीत करतेहैं।
अतः विद्यालय उनकी खशुी और कल्याण के लिए सं
बं
धित कौशल सिखानेमेंमहत्वपर्णूर्णयोगदान कर सकते
हैं। सकारात्मक भावनात्मक अनभवों का
ु विद्यार्थियों केविकास पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। विद्यार्थियों के
मानसिक, शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक कल्याण हतेुउन्ह सकारात्मक भावनात्मक अन ें भव प्र ु दान कर विद्यालय
को एक ऐसेस्थान के रूप मेंविकसित करना चाहिए, जहाँ विद्यार्थी अपना विकास कर सकें । प्रस्तुत
स्तु लेख का
उद्शदे्य विद्यार्थियों के लिए खशहाल ु ी केअर्थको समझना, विद्यार्थियों के लिए खशहाल ु ी के महत्व पर प्रकाश
डालना तथा कौन-कौन से कारण हैं जो विद्यार्थियों की खशहाल ु ी को प्रभावित करतेहैं, को जानना है। इसके
साथ ही विद्यार्थियों की खशहाल ु ी को प्रभावित करनेवालेकारकों एवं
 खशहाल ु ी बढ़ानेकेउपायों पर भी यह
लेख प्रकाश डालता है।