Published 2025-03-17
Keywords
- विद्यार्थियों को पढ़ाई,
- अपेक्षाओ एं वंशिक्षण
How to Cite
Abstract
इस लेख में बताया गया है कि भारत के सं
विधान में उल्लिखित नागरिकों के मल
ू कर्त्तव्य, शिक्षा के लक्ष्य और
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या हमारी शिक्षा को स्पष्ट दिशा देते हैं। इन्हीं दिशानिर्शदेों के आधार पर यह अपेक्षा की जाती है
कि विद्यालय ज्ञानार्जन के ऐसे कें द्र बनें, जहाँ सतत नवीन ज्ञान का सजन हो, पर ृ ं
तुवर्तमान यं
त्रवत शिक्षा प्रणाली
में अभी और महत्वपर्ण
ू कार्यकरने की आवश्यकता है। इन महत्वपर्ण
ू कार्यों में यह हो सकता है कि विद्यालयों में
शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के दौरान ज्ञान के सजन पर आधार ृ ित शिक्षण विधियों का उपयोग किया जाए। साथ ही
विद्यार्थियों को पढ़ाई, सचना पर आधार
ू ित पढ़ाई, गतिविधि आधारित पस
ु्तकें , अनभु वजन्य अधिगम आदि घटकों
का महत्व बताते हु
ए शिक्षण-अधिगम कर ज्ञान सजन हेत ृ अु भिप्रेरित करना इस लेख की प्रमख
ु विषय-वस्तु है।
्तु
इस लेख में आप सजनृ शील शिक्षक से जड़ुी अपेक्षाओ एं वंशिक्षण व्यवहार के बारे में भी विस्तृत रूप से पढ़ेंगे।