Vol. 39 No. 01 (2018): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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विद्यालयी शिक्षा का समकालीन परिप्रेक्ष्य

Published 2025-03-17

Keywords

  • भारतीय समाज,
  • अभिभावकों और शिक्षको

How to Cite

मिश्र ॠ. क. (2025). विद्यालयी शिक्षा का समकालीन परिप्रेक्ष्य. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 39(01), p. 42-47. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3912

Abstract

इस लेख में भारतीय समाज के सं
दर्भ में शिक्षा और विद्यालय की भमिू का पर मनन व्यक्‍त किया गया है। लेख
का आरं
भ विद्यालय के बदलते सं
स्थागत स्वरूप पर चर्चा के साथ होता है। तदपरा
ु ं
त विश्‍लेषित किया गया है कि
विद्यालय अपने कलेवर को बदलने के बावजद अपने
ू क्रियाकरण में आज भी समाज से अलगाव को बनाए हु

हैं। यह अलगाव केवल विद्यार्थी के अनभु वों को नज़रअदाज नहीं करता, ब ं ल्कि विद्यालय के अन्य हितधारकों,
जैसे — अभिभावकों और शिक्षकों की विश्‍वदृष्‍ट‍ि को भी प्रभावित करता है। इस प्रभाव की व्याख्या लेख के
अगले हिस्से में समाज के लिए शिक्षा की भमिू काओ के सापे ं क्ष की गई है। इस लेख में लेखक द्वारा विश्‍लेषित
किया गया है कि कै से शिक्षा की सामाजिक प्रस्तुति शिक्षा के लक्ष्यों को सीमित करने का कार्य करती है?