Published 2025-03-17
Keywords
- भारतीय समाज,
- अभिभावकों और शिक्षको
How to Cite
Abstract
इस लेख में भारतीय समाज के सं
दर्भ में शिक्षा और विद्यालय की भमिू का पर मनन व्यक्त किया गया है। लेख
का आरं
भ विद्यालय के बदलते सं
स्थागत स्वरूप पर चर्चा के साथ होता है। तदपरा
ु ं
त विश्लेषित किया गया है कि
विद्यालय अपने कलेवर को बदलने के बावजद अपने
ू क्रियाकरण में आज भी समाज से अलगाव को बनाए हु
ए
हैं। यह अलगाव केवल विद्यार्थी के अनभु वों को नज़रअदाज नहीं करता, ब ं ल्कि विद्यालय के अन्य हितधारकों,
जैसे — अभिभावकों और शिक्षकों की विश्वदृष्टि को भी प्रभावित करता है। इस प्रभाव की व्याख्या लेख के
अगले हिस्से में समाज के लिए शिक्षा की भमिू काओ के सापे ं क्ष की गई है। इस लेख में लेखक द्वारा विश्लेषित
किया गया है कि कै से शिक्षा की सामाजिक प्रस्तुति शिक्षा के लक्ष्यों को सीमित करने का कार्य करती है?