Vol. 38 No. 04 (2018): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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विद्यालय निरीक्षण, अनुश्रवण एवं अनुसमर्थन

Published 2025-03-17

Keywords

  • गरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर,
  • पीड़ा ने निरं तर

How to Cite

काण्डपाल क. व. (2025). विद्यालय निरीक्षण, अनुश्रवण एवं अनुसमर्थन. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 38(04), p. 106-119. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3898

Abstract

गरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर ने एक बार कहा था क ु ि एक शिक्षक वास्तव में तब तक नहीं पढ़ा सकता है जब तक कि
वह निरं
तर सीखता न रहे। एक दीपक दसरे दीपक को
ू तब तक प्रकाशमान नहीं कर सकता जब तक कि वह स्वयं नहीं जल रहा हो। इससे शिक्षक की सतत शिक्षा की ज़�रत को समझा जा सकता है। शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण
के अतिरिक्‍त जो महत्वपरू्ण बात शिक्षकों के कार्य-प्रदर्शन पर गहन असर डालती है, वह यह है कि शिक्षकों के
अनश्रवण एव ु ं
 अनसमु र्थन की क्या-क्या प्रक्रियाएँ वास्तव में अपनाई जा रही हैं। विगत 11 वर्षों से भी अधिक
समय से जि़ला शिक्षा एवं
 प्रशिक्षण सं
स्थान में कार्यरत होने के दौरान राज्य (उत्तराखड) में और ं विशषे �प से
जनपद में विद्यालय छापों, निरीक्षण एवं
 अनश्रवणों के बारे में सजग अवलोकन के आलोक में गहन म ु थन या य ं ँ

कह सकते हैं कि गहन पीड़ा ने निरं
तर इस बात के लिए प्रेरित किया कि इस बारे में विद्वत सम ् दाय के समक्ष
ु विचारों
को साझा किया जाए। किसी विद्यालय का निरीक्षण, छापा या अनश्रवण जो क ु ुछ भी हो, यह विद्यालय को मदद
करने एवं शिक्षक को सशक्‍त करने के क्रम में ही होना चाहिए। इस आलेख के माध्यम से मेरे पास ‘विद्यालय
अनश्रवण एव ु ं
 अनसमु र्थन’ के बारे में अपने विचार रखने का अवसर है और यह एक तरह से शरुआु ती विचार हो
सकता है, परं
त महत
ु ्वपरू्ण बात यह है कि इस मद्ु पर लगा दे तार और गहन विमर्श किया जाए। विद्यालयों को छापों
से मक्‍त‍ि ु मिले और शिक्षक को औचक निरीक्षणों में शर्मिंदगी से न गज़रना प ु ड़े, इसके लिए ज़रूरी है कि शिक्षा के
सभी स्तरों पर विद्यालय अनश्रवण एव ु ं
 अनसमु र्थन को लेकर वैचारिक स्पष्‍टता हो। नीतिगत स्तर पर इसका सं
ज्ञान
लिया जाए। वस्तुत ः शिक्षा तं
त्र का परा
ू ताम-झाम विद्यालय को मदद पहुँचाने एवंशिक्षक को सशक्‍त करने के लिए
ही तो है। इसी मशं ा से विद्यालय अनश्रवण एव ु ं
 अनसमु र्थन के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर यह लेख लिखने का
प्रयास किया गया है। इस लेख में उत्तराखड में होने वाले ं विद्यालय अनश्रवण एव ु ं
 अनसमु र्थन के अतर्गत ं विद्यालय
में छापे, निरीक्षण एवं
 अनश्रवण की वस
ु ्तुस्थिति रखने का प्रयास किया गया है।