Published 2025-03-03
Keywords
- शिक्षकों का आत्मविश्वास,
- शैक्षिक परिणाम
How to Cite
Abstract
यह अध्ययन स्व-मूल्यांकन आधारित प्रतिपुष्टी (Self-assessment and Feedback) के शिक्षकों के शिक्षण पर प्रभाव का विश्लेषण करता है। स्व-मूल्यांकन, एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से शिक्षक अपनी शैक्षिक गतिविधियों, शिक्षण विधियों और कक्षा प्रबंधन पर स्वयं मूल्यांकन करते हैं और उस पर प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया शिक्षक के आत्मनिर्भर विकास, उनके शिक्षण कौशल में सुधार और शैक्षिक परिणामों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
अध्यान में यह पाया गया कि स्व-मूल्यांकन आधारित प्रतिपुष्टी शिक्षकों के आत्म-संवेदनशीलता को बढ़ाती है, जिससे वे अपने शैक्षिक दृष्टिकोण और विधियों पर पुनर्विचार करते हैं। इससे शिक्षकों को अपनी कमजोरियों और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलती है, जिससे वे अपने शिक्षण में अधिक प्रभावी और संगठित हो सकते हैं। अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ कि जब शिक्षक अपनी कक्षा की गतिविधियों का आत्ममूल्यांकन करते हैं, तो वे विद्यार्थियों के शैक्षिक परिणामों को बेहतर ढंग से समझने और सुधारने में सक्षम होते हैं।