Vol. 38 No. 01 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
EDITORIAL NOTE

वेदिक गणित विधि एवं परंपरागत गणित शिक्षण विधि का विधाथियों की तर्कशक्ति के परि के में तुलनात्मक अध्ययन

Published 2025-03-03

Keywords

  • गणितीय सोच,
  • समस्या-समाधान

How to Cite

शकया आ. (2025). वेदिक गणित विधि एवं परंपरागत गणित शिक्षण विधि का विधाथियों की तर्कशक्ति के परि के में तुलनात्मक अध्ययन . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 38(01), p. 84-93. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3420

Abstract

यह अध्ययन वेदिक गणित विधि और परंपरागत गणित शिक्षण विधि के बीच तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, विशेष रूप से विद्यार्थियों की तर्कशक्ति और गणितीय सोच के संदर्भ में। वेदिक गणित एक प्राचीन भारतीय गणित पद्धति है जो मानसिक गणना और त्वरित समाधान के लिए सरल और तेज़ विधियाँ प्रदान करती है, जबकि परंपरागत गणित विधि में सामान्यत: अधिक समय लेने वाली और अधिक जटिल प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है।

इस अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि इन दोनों विधियों के माध्यम से छात्रों की तर्कशक्ति, समस्या-समाधान क्षमता और गणितीय समझ में किस प्रकार का अंतर उत्पन्न होता है। शोध में यह पाया गया कि वेदिक गणित विधि छात्रों को त्वरित और सटीक गणना करने में सक्षम बनाती है, जिससे उनकी तर्कशक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है। यह विधि मानसिक गणना की क्षमता को बढ़ाती है, जिससे छात्रों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

वहीं, परंपरागत गणित शिक्षण विधि में छात्रों को अधिक औपचारिक और संरचित तरीके से गणितीय समस्याओं को हल करने की आदत पड़ती है, लेकिन यह कभी-कभी छात्रों की तर्कशक्ति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि इसमें अक्सर जटिल नियमों और विधियों का पालन करना पड़ता है।