Vol. 37 No. 04 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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अचछा सर आप अंगरेची पड़ना चाह रहे थे

Published 2025-03-03

Keywords

  • अंग्रेजी शिक्षा,
  • भारतीय संस्कृति

How to Cite

काण्डपाल क. (2025). अचछा सर आप अंगरेची पड़ना चाह रहे थे . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 37(04), p. 77-81. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3404

Abstract

यह अध्ययन साहित्यकार प्रेमचंद की कहानी "अच्छा सर आप अंग्रेजी पढ़ना चाह रहे थे" का विश्लेषण करता है, जो भारतीय समाज में अंग्रेजी शिक्षा की महत्ता और सामाजिक दबावों को उजागर करता है। इस कहानी में मुख्य पात्र एक शिक्षक है, जो अपने छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के प्रति समर्पित है। कहानी के माध्यम से प्रेमचंद ने अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव और समाज में शिक्षा की प्राथमिकताओं पर ध्यान आकर्षित किया है।

अध्ययन में यह पाया गया कि प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से यह सवाल उठाया है कि क्या अंग्रेजी शिक्षा समाज में तरक्की और प्रगति का प्रतीक बन चुकी है, और किस हद तक यह भारतीय संस्कृति और मूल्य प्रणाली से मेल खाती है। कहानी में पात्रों के संवाद और मानसिक संघर्ष के माध्यम से प्रेमचंद ने शिक्षा और समाज के बीच के जटिल रिश्तों को पेश किया है।

इस अध्ययन का निष्कर्ष है कि प्रेमचंद की यह रचना न केवल शिक्षा के महत्व को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रदर्शित करती है कि कैसे समाज में शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति की पहचान और समाज में स्थान तय किया जाता है। कहानी में दिखाए गए संवेदनशील पहलू आज भी प्रासंगिक हैं, खासकर जब हम शिक्षा के सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ को समझते हैं।