Vol. 37 No. 04 (2017): भारतीय आधुनिक शिक्षा
EDITORIAL NOTE

जेन्डर समावेशन ओर पाठ्यपुस्तहके

Published 2025-03-03

Keywords

  • लिंग आधारित पूर्वाग्रह,
  • शैक्षिक भेदभाव

How to Cite

कपूर र. र. (2025). जेन्डर समावेशन ओर पाठ्यपुस्तहके . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 37(04), p. 35-44. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3390

Abstract

जेंडर समावेशन शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक सामग्री और प्रक्रिया में समानता और न्याय सुनिश्चित करना है। पारंपरिक शैक्षिक दृष्टिकोण में अक्सर लिंग भेदभाव की छाया होती है, जो बच्चों और समाज के बीच जेंडर आधारित असमानताओं को बढ़ावा देती है। जेंडर समावेशन का उद्देश्य पाठ्यपुस्तकों में लिंग समानता को बढ़ावा देना, महिलाओं और पुरुषों के प्रति पूर्वाग्रहों को समाप्त करना और सभी लिंगों के लिए समान अवसर प्रदान करना है।

पाठ्यपुस्तकों में जेंडर समावेशन का मतलब है, ऐसी सामग्री का चयन और प्रस्तुति करना, जो लिंग आधारित भेदभाव को चुनौती दे और विद्यार्थियों को एक समान और न्यायपूर्ण समाज की ओर प्रेरित करे। यह शिक्षा के क्षेत्र में समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें शिक्षा को केवल सूचना प्रदान करने के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों और लिंग समानता के प्रचार के रूप में देखा जाता है।