Vol. 25 No. 1-2 (2006): भारतीय आधुनिक शिक्षा
Articles

सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा संचालित प्राथमिक

Published 2006-10-31

Keywords

  • संस्कृति,
  • ह स्तर बालक के शिक्षा

How to Cite

सिंह र. क. ., & जैसवाल र. क. . (2006). सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा संचालित प्राथमिक. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 25(1-2), 75-85. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/33

Abstract

शिक्षा मनुष्य व समाज का दर्पण है। शिक्षा के द्वारा ही समाज अपनी सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा करता है और शिक्षा सभ्यता के रूप में इस संसार की उन्नति करने में सहायता करती है। शिक्षा का प्रथम पायदान प्राथमिक स्तर व द्वितीय पायदान उच्च प्राथमिक स्तर है। बालक प्राथमिक स्तर पर आधारभूत ज्ञान प्राप्त करके उच्च प्राथमिक स्तर में प्रवेश करता है। यह स्तर बालक के शिक्षा की नींव है, इसके उपरांत ही शिक्षा रूपी दृढ़ स्थाई भवन का निर्माण हो पाता है। शिक्षण प्रभावशीलता तथा कार्य संतुष्टि उन शिक्षण संस्थाओं में अच्छा है जहां अध्यापकों की सेवा शर्तें सुरक्षित हैं। एक व्यक्ति के अध्यापक बनने के बाद उससे अपेक्षा की जाती है कि अध्यापक स्वयं को सतत् अद्यतन बनाए रखे। इस शोध लेख में सरकारी तथा गैर सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की शिक्षण प्रभावशीलता तथा कार्य संतुष्टि के सम्बंध में अध्ययन किया गया है।