शिक्षा का अधिकार (आर. टी. ई) क्या सरकारी ऍवं निजी विधालयों के माध्यम बड़ती घाई को काम करने मै सफलता
Published 2025-03-03
Keywords
- शिक्षा की गुणवत्ता,
- निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा
How to Cite
Abstract
यह अध्ययन भारत में "शिक्षा का अधिकार" (आर. टी. ई.) अधिनियम के प्रभाव और इसके माध्यम से सरकारी और निजी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को सुधारने की प्रक्रिया पर केंद्रित है। 2009 में लागू हुए इस अधिनियम का उद्देश्य सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है, ताकि समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिल सके। आर.टी.ई. के अंतर्गत, बच्चों को 6 से 14 वर्ष की आयु तक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और निजी विद्यालयों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
इस अध्ययन में यह विश्लेषण किया गया है कि किस प्रकार आर.टी.ई. के प्रावधानों ने सरकारी और निजी विद्यालयों में शिक्षा की पहुंच को बढ़ाया और साथ ही साथ इन विद्यालयों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में क्या सफलता प्राप्त की गई। विशेष रूप से, सरकारी विद्यालयों में अधूरी संसाधनों और अपर्याप्त अवसंरचना के बावजूद आर.टी.ई. के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा तक पहुँचने में सहायता मिली। वहीं, निजी विद्यालयों में आर.टी.ई. के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश देने के प्रयासों को लेकर चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न हुई हैं, जैसे शुल्क में वृद्धि और अनिवार्य सुविधाओं की अनुपस्थिति।