Vol. 37 No. 01 (2016): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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उच्छ शिक्षा का परिदृश्य

Published 2025-01-06

Keywords

  • शिक्षा में नवाचार,
  • रोजगार-उन्मुख शिक्षा

How to Cite

पाण्डेय ब. क. (2025). उच्छ शिक्षा का परिदृश्य . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 37(01), p. 43-50. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3090

Abstract

यह अध्ययन भारत में उच्च शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य का विश्लेषण करता है, जिसमें इसके विकास, समस्याओं, और संभावनाओं को समझने की कोशिश की गई है। उच्च शिक्षा, जो राष्ट्र की सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, समय के साथ अनेक बदलावों से गुजरी है। 21वीं सदी में वैश्विकरण, तकनीकी विकास, और शिक्षा के बाजारवादी दृष्टिकोण ने इसे एक नया रूप दिया है।

भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में वृद्धि तो हुई है, लेकिन गुणवत्ता, समावेशन, और पहुँच की चुनौतियाँ अभी भी प्रमुख समस्याएँ हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों और निजी संस्थानों के बीच की खाई, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, और रोजगार-उन्मुख शिक्षा पर जोर इसके महत्वपूर्ण पहलू हैं। इसके अलावा, शिक्षकों की गुणवत्ता, शोध एवं नवाचार की कमी, और बुनियादी सुविधाओं का अभाव भी उच्च शिक्षा के परिदृश्य में समस्याएँ उत्पन्न करते हैं।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो, भारतीय उच्च शिक्षा में अत्यधिक संभावनाएँ हैं, लेकिन इसके पूर्ण विकास के लिए सुधारों की आवश्यकता है। ऑनलाइन शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी नवाचार से इस दिशा में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।