Vol. 36 No. 04 (2016): भारतीय आधुनिक शिक्षा
Articles

मूल्यपरक शिखा एक विमर्श

Published 2025-01-03

Keywords

  • मूल्यपरक शिक्षा,
  • शिक्षकों की भूमिका

How to Cite

सिन्हा प. (2025). मूल्यपरक शिखा एक विमर्श . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 36(04), p. 7-17. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/3052

Abstract

"मूल्यपरक शिक्षा: एक विमर्श" पर आधारित यह लेख मूल्य आधारित शिक्षा के महत्व और उसकी शिक्षा प्रणाली में प्रासंगिकता पर चर्चा करता है। वर्तमान समय में, जहां समाज में सामाजिक और नैतिक संकट बढ़ते जा रहे हैं, वहाँ मूल्यपरक शिक्षा को बच्चों और युवाओं के जीवन में नैतिकता, ईमानदारी, और जिम्मेदारी जैसी आवश्यक गुणों को सिखाने के रूप में देखा जाता है।

लेख में यह विचार किया गया है कि मूल्यपरक शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान और कौशल प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह छात्रों को मानवता, सहिष्णुता, परोपकार, और समाजसेवा की भावना से अवगत कराना है। शिक्षा का यह रूप छात्रों को आध्यात्मिक, मानसिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से संतुलित व्यक्तित्व निर्माण के लिए प्रेरित करता है।

इस विमर्श में यह भी उल्लेख किया गया है कि शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों की भूमिका मूल्यपरक शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है। यदि शिक्षक बच्चों को अच्छे आचरण, अनुशासन और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराते हैं, तो यह शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित नहीं रहती, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम बनती है।