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स्वामी विवेकानंद के शैक्षिक दर्शन की प्रासंगिकता
Published 2024-12-23
Keywords
- शैक्षिक दर्शन,
- आध्यात्मिकता
How to Cite
अनिल बाबू. (2024). स्वामी विवेकानंद के शैक्षिक दर्शन की प्रासंगिकता. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 35(04), p. 89. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/2107
Abstract
स्वामी विवेकानंद का शैक्षिक दर्शन व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास था। उनका शिक्षा का दृष्टिकोण केवल ज्ञान तक सीमित नहीं था, बल्कि यह आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक विकास को भी महत्व देता था। वे मानते थे कि शिक्षा के माध्यम से हम स्वयं को जानने, समाज में सुधार लाने, और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता विकसित कर सकते हैं। उनके विचारों की प्रासंगिकता आज भी अत्यधिक है, क्योंकि शिक्षा का उद्देश्य अब केवल ज्ञान प्राप्ति नहीं, बल्कि व्यक्ति की व्यक्तित्व विकास, समाज की सेवा, और राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना है।