Published 2024-12-23
Keywords
- बाल-कला,
- डिजिटल कला
How to Cite
प्रगति तिवारी, & किरण सरना. (2024). वर्तमान समय में बाल-कला का स्वरूप. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 35(03), p. 82-88. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/2066
Abstract
वर्तमान समय में बाल-कला ने कई रूपों में परिवर्तन और विकास देखा है। डिजिटल माध्यमों, तकनीकी उपकरणों और आधुनिक कला शैलियों ने बच्चों को अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने के नए अवसर प्रदान किए हैं। साथ ही, बाल-कला में समाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक तत्वों का समावेश हो रहा है, जिससे बच्चों का समग्र विकास हो रहा है। शिक्षकों और माता-पिता की प्रेरणा और समर्थन से बाल-कला का स्वरूप और भी अधिक समृद्ध हो सकता है। यह कला केवल अभिव्यक्ति का एक तरीका नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुकी है।