Vol. 34 No. 04 (2014): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रति अल्पसंख्यकों एवं बहुसंख्या एक अभिभावकों की वृद्धि का अध्ययन

Published 2024-12-23

Keywords

  • शिक्षा का अधिकार,
  • बाल शिक्षा

How to Cite

ब्रजेश कुमार वर्मा. (2024). निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रति अल्पसंख्यकों एवं बहुसंख्या एक अभिभावकों की वृद्धि का अध्ययन. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 34(04), p. 5-12. http://14.139.250.109:8090/index.php/bas/article/view/1836

Abstract

यह अध्ययन "निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009" (RTE एक्ट) के प्रभाव का विश्लेषण करता है, विशेष रूप से अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक अभिभावकों की नजरों से। अधिनियम का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि कैसे विभिन्न समुदायों के अभिभावक इस कानून की अवधारणा को समझते हैं और उनके दृष्टिकोण में क्या अंतर होता है।

मुख्य बिंदु:

  1. अल्पसंख्यक समुदाय की जागरूकता और समर्पण: अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी और असुरक्षा का अनुभव अक्सर पाया जाता है। यह अध्ययन इस बात का विश्लेषण करता है कि अल्पसंख्यक अभिभावक इस कानून के बारे में क्या जानते हैं और उनकी शिक्षा संबंधी प्राथमिकताएं क्या हैं।

  2. बहुसंख्यक अभिभावकों का दृष्टिकोण: बहुसंख्यक समुदाय के अभिभावकों में RTE के प्रति अधिक जागरूकता और सकारात्मक दृष्टिकोण देखा जाता है। अध्ययन में यह भी देखा जाता है कि कैसे उनके लिए शिक्षा को एक साधारण अधिकार के रूप में देखा जाता है, और वे इसके लाभों को समझते हैं।

  3. न्याय और समानता: यह भी ध्यान में रखा गया है कि RTE एक्ट के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता सभी बच्चों के लिए समान हो, विशेषकर उन बच्चों के लिए जो गरीब या पिछड़े हुए समुदायों से आते हैं।

  4. सांस्कृतिक और सामाजिक चुनौतियां: अल्पसंख्यक समुदाय में कुछ सांस्कृतिक और धार्मिक कारणों से बच्चों की शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न होती हैं, जैसे बालकों को स्कूल भेजने के प्रति संकोच, या भाषा की समस्याएं। इन चुनौतियों को कैसे पार किया जाए, इस पर भी विचार किया गया है।