Published 2010-01-31
Keywords
- समाजिक दायित्व,
- समाज में संवेदनशीलता
How to Cite
Abstract
जयप्रकाश नारायण, भारतीय समाजवादी नेता और विचारक, ने समाजवादी चिंतन को भारतीय संदर्भ में गहराई से प्रस्तुत किया। उनका समाजवादी दृष्टिकोण न केवल राजनीतिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में था, बल्कि यह समाज में नैतिक मूल्यों और मानवीय दायित्वों को भी प्राथमिकता देता था। उनका मानना था कि समाज में वास्तविक परिवर्तन तभी संभव है, जब व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में मूल्य आधारित शिक्षा को प्रमुख स्थान दिया जाए। उन्होंने इसे जीवन के हर क्षेत्र में न्याय, समानता और सामाजिक दायित्व की भावना को बढ़ावा देने के रूप में देखा।
जयप्रकाश नारायण के समाजवादी चिंतन के अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य केवल बौद्धिक विकास नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक सदस्य में मानवता, समरसता और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करना होना चाहिए। उनके अनुसार, शिक्षा को न केवल व्यक्तित्व के निर्माण के रूप में देखा जाना चाहिए, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता का भी साधन होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा को समाज की भलाई और सार्वजनिक जीवन में नैतिक आदर्शों के प्रचार-प्रसार के एक उपकरण के रूप में देखा।