खंड 3 No. 2 (2022)
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प्रारंभिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण में उभरती प्रवृत्तियाँ एवं नवाचारी शिक्षण पद्धतियाँ

विजय कुमार चावला
राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय क्योड़क जिला कैथल, हरियाणा

प्रकाशित 2025-03-12

संकेत शब्द

  • बिक्स,
  • BICS and Basic Interpersonal Communication Skill,
  • L1,
  • कैल्प,
  • CALP&Cognitive Academic Language Proficiency,
  • L2,
  • स्मार्ट वर्चुअल कक्षा-कक्ष,
  • ई-पाठशाला,
  • ई-कंटेंट,
  • मोबाइल एप्प
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सार

भाषा शिक्षण में मातृभाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। मातृभाषा के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा प्रभावकारी और सहजग्राह्य होती है। मनुष्य की सहज अभिव्यक्ति का साधन मातृभाषा ही है। यही कारण है कि विश्वविख्यात शिक्षा शास्त्रियों ने मातृभाषा अर्थात आम बोलचाल की भाषा {बिक्स} {L1} के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की आवश्यकता पर बल दिया है। सीखने के सिद्धांतों में एक अनिवार्य आवश्यकता है - सीखने के लिए बच्चों को ज्ञात से अज्ञात , परिचित से अपरिचित की ओर बढ़ाना चाहिए। प्रारंभिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण में शुरुआती कक्षाओं में बच्चों के घर की भाषा {L1} का उपयोग बहुत जरूरी माना गया है। 
    इस शोध पत्र में आज शिक्षा के क्षेत्र में “प्रारंभिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण में उभरती हुई प्रवृत्तियाँ और नवीन शिक्षण पद्धतियाँ” विषय की समीक्षा की गई है। प्रारंभिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण को रुचिकर व आनंदमयी बनाने के लिए शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में नवाचार तकनीक के प्रयोग पर बल देने के लिए भी सुझाव दिए गए हैं। आज कक्षा-कक्ष में अध्यापक को प्रारंभिक स्तर पर भाषा शिक्षण करवाते हुए पारंपरिक शिक्षण दृष्टिकोण का उपयोग करने के बजाय नवीन शिक्षण विधियों का उपयोग करना चाहिए। कक्षा-कक्ष में हिन्दी भाषा शिक्षण के अंतर्गत नवाचारी गतिविधियाँ का प्रयोग बहुत लाभकारी होता है। कक्षा- कक्ष में हिन्दी भाषा शिक्षण को रुचिकर व आनंदमयी बनाने में भाषा संबंधी खेल गतिविधियों का उपयोग बहुत कारगर होता है। इसके अतिरिक्त प्रारंभिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण में सूचना संचार तकनीक एवं अन्य नवीन प्रयोगों को लागू करने के संदर्भ में तर्क भी प्रदान किए गए हैं।